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वर्गीकरण की योजना

वन आवरण को मोटे तौर पर चार वर्गों में वर्गीकृत किया गया है, अर्थात् अत्यंत सघन वन, सामान्यसघनवन, खुले वन और मैंग्रोव। घने और खुले वनोंमें आवरण का वर्गीकरण के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए मान दंडों पर आधारित है। भू-सत्यापन के काम की अधिकता और कार्यप्रणाली की सीमाओं के कारण सघन वन को और अधिक वर्गों में अलग करना संभव नहीं हो पाया है।

मैंग्रोव को उनके विशिष्ट टोन व टेक्सचर और अद्वितीय पारिस्थितिक कार्यों के कारण अलग-अलग वर्गीकृत किया गया है। अन्य वर्गों में झाड़ीदार और गैर-वन शामिल हैं। इन वर्गों को नीचे परिभाषित किया गया है।

वर्गीकरण योजना

अत्यंत सघन वन 70% और उससे अधिक के कैनोपी घनत्व वाले वृक्षों के आवरण (मैंग्रोव कवर सहित) वाली समस्त भूमि  
सामान्य सघन वन 40% और 70% के बीच छत्र घनत्व के वृक्ष आवरण (मैंग्रोव कवर सहित) वाली समस्त भूमि  
खुले वन 10% और 40% के बीच छत्र घनत्व के वृक्ष आवरण (मैंग्रोव कवर सहित) वाली समस्त भूमि  
झाड़ी दार वन 10 प्रतिशत से कम छत्र घनत्व वाले मुख्य रूप से छोटे या छोटे वृक्षों की वृद्धि वाली समस्त वन भूमि  
गैर वन कोई भी क्षेत्र उपरोक्त वर्गों में शामिल नहीं है  

 

चित्र : वनों के विभिन्न वर्गों का सचित्र चित्रण

भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021

भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) का एक द्विवार्षिक प्रकाशन है जो पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एक संगठन है।

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